रिलीज़ -- १२ अक्टूबर
बैनर -- अजय देवगन फ़िल्म्स और पेन इंडिया लिमिटेड
निर्माता -- अजय देवगन,जयंतीलाल गाडा और अक्षय जयंतीलाल गाडा
निर्देशक -- प्रदीप सरकार
संवाद -- मितेश शाह
पटकथा -- मितेश शाह और आनंद गाँधी
आनंद गाँधी के गुज़राती नाटक "बेटा कागड़ो " पर आधारित
कलाकार -- काजोल, रिद्धि सेन, नेहा धूपिया, तोता रॉय चौधरी
संगीत -- अमित त्रिवेदी , राघव सचार
बैक ग्राउण्ड संगीत -- डेनियल बी जॉर्ज
गीत -- श्याम अनुरागी स्वानंद किरकिरे
आवाज़ --रॉनित सरकार, पॉलोमी घोष
अनेकों विज्ञापन फिल्मों और म्यूजिक विडियो ( शुभा मुदगल -- अब के सावन,यूफोरिया -- धूम पिचक धूम और माय री, सुल्तान खान -- पिया बसंती और भूपेन हज़ारिका -- गंगा ) को बना चुके निर्देशक प्रदीप सरकार ने परिणीता, लागा चुनरी में दाग़ , लफंगे परिन्दे और मर्दानी आदि हिंदी फिल्मों को निर्देशित किया है। बंगाली अभिनेता कौशिक सेन और नृत्यांगना रेशमी सेन के सुपुत्र और चित्रा सेन और श्यामल सेन के प्रपौत्र रिद्धि सेन ने अनेकों नाटकों में सशक्त अभिनय किया है। बंगाली फिल्म "नगरकीर्तन " के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरुस्कार भी मिला है।
अनेकों फिल्मों में अभिनय कर चुकी अभिनेत्री काजोल की पिछली फिल्म 2017 में आयी थी " वी आई - २ ललकार" । उसके बाद अब "हेलीकॉप्टर इला " आ रही है।
इस फ़िल्म की कहानी एक माँ और बेटे के संबंधों पर आधारित है। इला ( काजोल) ऐसी माँ है जो अकेले ही अपने बेटे विवान ( रिद्धि सेन ) को पालती है। वही उसकी माँ और पापा है । इला चाहती है कि कि वो हमेशा अपने बेटे के इर्द गिर्द ही रहे क्योंकि वो अपने बेटे को समाज की बुराइयों से तो बचाना चाहती ही है साथ में वो अपने बेटे के साथ ज्यादा से ज्यादा वक़्त भी बिताना चाहती है। यहाँ तक कि इला अपनी बीच में छूटी हुई पढ़ाई को पूरी करने के लिए विवान की क्लास में भी प्रवेश ले लेती है।अपनी माँ को हर समय अपने पास पाकर विवान को लगता है कि उसकी माँ उसकी आज़ादी छीन रही है और उसकी हर बात में दखल दे रही है। इसलिए वो इला से लड़ाई करके बुरा भला बोल कर घर छोड़ कर चला जाता है । जबकि इला की सारी दुनियां तो बस विवान ही है।
ऐसे में अपने बेटे विवान और अपने रिश्ते को बचाने के लिए इला क्या करती है ? कैसे इला विवान को घर वापस लाती है।यही सब फ़िल्म में दिखाया गया है।
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