रिलीज़ -- ५ अक्टूबर
बैनर -- वाया कॉम १८ मोशन पिक्चर्स
निर्माता -- वाया कॉम १८ मोशन पिक्चर्स, मैच बॉक्स पिक्चर्स
निर्देशक -- श्रीराम राघवन
लेखक -- श्रीराम राघवन, अरिजीत विस्वास, पूजा लढा सुर्ती, योगेश चांदेकर
संगीत -- अमित त्रिवेदी, रफ़्तार ,गिरीश नाकोड
कलाकार --- तब्बू, आयुष्मान खुराना, राधिका आप्टे,अनिल धवन ।
लेखक और निर्देशक श्रीराम राघवन की सभी फ़िल्में सस्पेंस और थ्रिलर कहानी पर आधारित रही हैं। उनकी पहली फिल्म थी "एक हसीना थी" (२००४) इसके बाद जॉनी गद्दार ( २००७ ) एजेंट विनोद ( २०१२ ) और बदलापुर ( २०१५ ) आदि फ़िल्में उनकी आयीं। अभिनेत्री तब्बू ने अनेकों फिल्मों में सशक्त भूमिकायें अभिनीत की हैं. तब्बू की विजयपथ, प्रेम , माचिस,विरासत,काला पानी , हू तू तू ,अस्तित्व , हम साथ साथ हैं ,चाँदनी बार, मक़बूल, द नेमसेक,चीनी कम, हैदर,जय हो,दृश्यम ,गोलमाल अगेन आदि अनेकों फ़िल्में आयी हैं। गायक और अभिनेता आयुष्मान खुराना ने २०१२ में फिल्म "विकी डोनर " से फिल्मों में अपनी शुरुआत की। इसके बाद २०१३ में नौटंकी साला २०१४ में बेवकूफियाँ २०१५ में हवाईज़ादा और दम लगा के हईशा २०१७ में मेरी प्यारी बिंदु ,बरेली की बर्फी और शुभ मंगल सावधान फ़िल्में आयुष्मान की आयीं। तमिल , तेलुगु , मलयालम , बंगाली , मराठी और हिंदी फिल्मों की अभिनेत्री राधिका आप्टे ने हिंदी फिल्मों में शुरुआत की फिल्म "वाह लाइफ हो तो ऐसी ". इसके बाद राधिका ने रक्त चरित्र १ और २ , आई एम , शोर इन द सिटी,बदलापुर , हंटर , मांझी - द माउंटेन मैन ,पार्च्ड , फोबिया , कबाली ,पैड मैन और कई वेब सीरीज़ आदि में अभिनय किया है।
सस्पेंस , थ्रिलर फिल्म "अंधाधुन " हत्या के अनसुलझें रहस्यों से भरपूर है. इस फिल्म की कहानी आकाश ( आयुष्मान खुराना ) की है. आकाश अँधा है लेकिन इसके बावजूद वो बहुत ही उम्दा पियानो वादक है। एक पार्टी में आकाश की मुलाकात सोफी ( राधिका आप्टे ) से होती है और पार्टी में आकाश पियानो बजाता है और सोफी उसकी संगीत की धुनों जाती है। पार्टी के बाद वो आकाश की तारीफ करती है कि उसने बहुत ही उम्दा पियानो बजाया। धीरे - धीरे दोनों की दोस्ती प्यार के रास्ते में चल पड़ती है। ऐसी ही एक पार्टी में आकाश की मुलाकात सिमी (तब्बू ) से होती है। सिमी आकाश को अपने घर पर होने वाली पार्टी में बुलाती है। आकाश सिमी के यहाँ पार्टी में जाता है और उसी रात सिमी के यहाँ एक हत्या हो जाती है . पुलिस आकाश को भी पूछताछ करने के लिए ले जाती है क्योंकि वो भी पार्टी में शामिल था। लेकिन जब आकाश अँधा है तो पुलिस को आकाश पर शक़ क्यों आता है ?
क्या सच में आकाश अँधा है ? या वो जानबूझ कर अँधा होने का ड्रामा कर रहा है ? क्या कोई आकाश को हत्या के जाल में फँसाना चाहता है ?
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