Friday, July 20, 2018

कहानी - हिंदी फिल्म --- धड़क

कहानी - हिंदी फिल्म --- धड़क 
रिलीज़ --- २० जुलाई 
बैनर --- ज़ी स्टूडियोज , धर्मा प्रोडक्शंस 
निर्माता --- जी स्टूडियो, करन जौहर, हीरू यश जौहर, अपूर्व मेहता 
निर्देशक -- शशांक खेतान 
पटकथा लेखक --- शशांक खेतान 
कहानी --  नागराज मंजुले 
मराठी फिल्म सैराट पर आधारित 
कलाकार --- ईशान खट्टर , जान्हवी कपूर, आशुतोष राणा  
संगीतकार --- अजय - अतुल 
गीत -- अमिताभ भट्टाचार्य 
आवाज़ -- अतुल गोगावले , श्रेया घोषाल 

निर्देशक शशांक खेतान ने स्वतंत्र निर्देशक के रूप में  २०१४ में फिल्म "हम्प्टी शर्मा की दुल्हनियाँ" से अपनी शुरुआत की। इस फिल्म के सफल होने के बाद शशांक ने २०१७ में वरुण और आलिया के साथ अपनी दूसरी फिल्म "बद्रीनाथ की दुलहनियाँ " बनायी। इससे पहले शशांक ने निर्देशक सुभाष घई की फिल्म "ब्लैक एंड व्हाइट " में सहायक के रूप  में भी काम किया है। 
अभिनेता शाहिद कपूर के भाई ईशान खट्टर ने बाल कलाकार के रूप में २००५ में फिल्म "वाह - लाइफ हो तो ऐसी " में अभिनय किया।  बतौर नायक ईशान की पहली फिल्म निर्देशक माज़िद मज़ीदी की "बियॉन्ड द क्लाउड्स " है। श्रीदेवी और बोनी कपूर की बड़ी बेटी जान्हवी कपूर इस फिल्म "धड़क" से अभिनय जगत में कदम रख रही हैं। हिंदी टी वी धारावाहिकों , मराठी, तमिल , तेलुगु, कन्नड़  और हिंदी फिल्मों में अभिनय कर चुके अभिनेता आशुतोष राणा ने अनेकों फिल्मों में सशक्त अभिनय करके पुरस्कारों को हासिल किया है। आशुतोष की मुख्य फ़िल्में हैं -- तमन्ना, गुलाम, जख़्म , संघर्ष , दुश्मन,जानवर, राज़ ,क़सूर कलयुग , आवारापन ,हम्प्टी शर्मा की दुल्हनियाँ आदि।       

२०१६ में आयी लोकप्रिय मराठी फिल्म "सैराट " पर आधारित फिल्म "धड़क" की कहानी जाति -पाति और अमीर - गरीब जैसे सामाजिक मुद्दों को दिखाती है।  राजस्थान के खूबसूरत शहर उदयपुर की यह प्रेम कहानी है पार्थवी ( जान्हवी कपूर ) और मधुकर ( ईशान खट्टर) की।  एक ही कॉलेज में पढ़ने वाले पार्थवी और मधुकर में प्यार हो जाता है लेकिन दोनों की जाति और रहन - सहन में जमीन - आसमान का अंतर है. जहाँ पार्थवी ऊँची जाति के जमींदार पिता ( आशुतोष राणा ) की बेटी है वहीं दूसरी ओर मधुकर निचली जाति का गरीब परिवार का बेटा है। पार्थवी और मधुकर दोनों का प्यार पार्थवी के परिवार को बिल्कुल भी पसंद नहीं आता और वो जबर्दस्ती पार्थवी की शादी अपनी ही जाति में करना चाहते हैं लेकिन पार्थवी अपने घर से भाग कर मधुकर के पास आ जाती है जब पार्थवी के घर वालों को पता चलता है तब वो दोनों को पूरे शहर में ढूँढ़ते हैं और फिर दोनों को पकड़ लेते हैं लेकिन फिर किसी तरह वो दोनों भाग जाते हैं और छिपते- छिपाते हुए दूसरे शहर में जाकर शादी करके अपना छोटा सा घर बसा लेते हैं। दोनों एक - दूसरे  के साथ रहते हुए अपनी छोटी सी दुनियाँ में खुश हैं. दोनों के एक बच्चा भी हो जाता है. एक दिन पार्थवी का भाई उससे मिलने आता है और माँ के भेजे उपहार पार्थवी को देता है। इस तरह भाई के आने से पार्थवी और मधुकर दोनों बहुत ही खुश होते हैं.   

  क्या पार्थवी  और मधुकर दोनों की खुशियाँ ऐसे ही बरक़रार रहती हैं या समाज और जाति के सम्मान की बलि चढ़ जाती हैं ? यही इस फिल्म में दिखाया गया है। 

No comments:

Post a Comment

मैदान ने क्यों कोई झंडे नहीं गाड़े समझ नहीं आया जबकि यह बेहतरीन फिल्म है

  कल  मैने प्राइम विडियो पर प्रसारित निर्देशक अमित रविंद्रनाथ शर्मा और अभिनेता अजय देवगन की फिल्म "मैदान" देखी। अजय देवगन की यह फि...