कहानी -- हिंदी फिल्म -- ख़जूर पे अटके
रिलीज़ -- १८ मई
बैनर -- वेलकम फ्रेंड्स प्रोडक्शन , पी वी आर पिक्चर्स , एस ओ एल ई.
निर्माता -- अमृत सेठिया
लेखक और निर्देशक -- हर्ष छाया
संगीत -- बिक्रम घोष
कलाकार -- विनय पाठक, मनोज पाहवा,सीमा पाहवा, अलका अमीन, डॉली आहलूवालिया
अनेकों टी वी धारावाहिकों और फिल्मों में अभिनय कर चुके अभिनेता हर्ष छाया की यह पहली निर्देशित फिल्म है। तारा , हसरतें ,रिश्तें , साया , गुब्बारें,अस्तित्व एक प्रेम कहानी,घर एक सपना,बालिका वधू , कर्म योद्धा आदि मुख्य धारावाहिकों के साथ - साथ दिल पर मत ले यार, दम , कम्पनी,भेजा फ़्राय , राम जी लंदन वाले ,कॉरपोरेट ,जॉनी एल एल बी , घायल वन्स अगेन आदि फिल्मों में काम किया है हर्ष छाया ने । अपनी इस फिल्म में हर्ष ने टी वी पर अभिनय करने वाले अनेकों कलाकारों को भी शामिल किया है। सीमा पाहवा और मनोज पाहवा जो असली जिंदगी में भी पति पत्नी हैं और इस फिल्म में भी दोनों ने पति - पत्नी की भूमिका अभिनीत की है. सीमा पाहवा ने दूरदर्शन के लोकप्रिय धारावाहिक "हम लोग " में बड़की की भूमिका अभिनत की थी। सीमा ने दम लगा के हईशा, आँखों देखी ,शुभ मंगल सावधान और बरेली की बर्फी आदि फिल्मों में अभिनय किया है। मनोज पाहवा ने सत्या , बीइंग साइरस , वॉन्टेड आदि फिल्मों में काम किया है साथ ही इन्होने अनेकों टी वी धारावाहिकों में भी काम किया है । अनेको टी वी शो और फिल्मों में विनय पाठक ने अभिनय किया है। जिनमें बॉम्बे बॉयज, फायर , हम दिल दे चुके सनम , जिस्म,खोंसला का घोंसला, भेजा फ़्राय ,आजा नच ले ,मनोरमा सिक्स फ़ीट अंडर ,रब ने बना दी जोड़ी , दसविदानिया , चलो दिल्ली, भेजा फ़्राय - २आदि मुख्य फ़िल्में हैं। पंकज कपूर की बेटी और शाहिद कपूर की बहन सना कपूर भी इस फ़िल्म में दिखाई देंगी। टी वी की लोकप्रिय अभिनेत्री अलका अमीन ने दिल दरिया, १२/२४ करोल बाग़, परिचय, क्या हुआ तेरा वादा,अजीब दास्ताँ है ये ,कलश , परदेस में है मेरा दिल,यह प्यार नहीं तो क्या है आदि टी वी धारावाहिकों के साथ २००३ में स्वराज २०१५ में दम लगा के हईशा २०१७ में शादी में आना जरूर आदि फिल्मों में काम किया है।
इस हास्य फिल्म "खजूर पे अटके " की कहानी आम भारतीय परिवार की है। फिल्म की क
हानी एक परिवार के चारों ओर घूमती है। इस परिवार के सबसे बड़े पुत्र देवेंद्र शर्मा अपने परिवार के साथ मुंबई में रहते हैं। देवेंद्र शर्मा की तबियत बहुत ही खराब हो जाती है और डॉ कहते हैं कि उनकी जिंदगी की कोई गारण्टी नहीं है और उनकी मृत्यु कभी भी हो सकती है यह समाचार सुनकर देवेंद्र शर्मा के भाई रविंद्र शर्मा ( विनय पाठक) अपनी पत्नी अनुराधा शर्मा ( सुनीता सेनगुप्ता ) और जीतेंद्र शर्मा (मनोज पाहवा) अपनी पत्नी सुशीला शर्मा ( सीमा पाहवा ) के साथ मुंबई जा पँहुचते हैं। इसी तरह परिवार के कुछ अन्य सदस्य भी अपने - अपने परिवारों के साथ मुंबई पँहुच जाते हैं। लेकिन अस्पताल जाने पर जब उन्हें पता चलता है कि उनके भाई देवेंद्र शर्मा न तो स्वस्थ ही हो रहे हैं और न ही अभी उनकी मृत्यु ही हो रही है तो ऐसे में आखिरी बार उनके दर्शन के आये इरादे से सभी लोग अपने भाई और उसके परिवार की सहायता करने की बजाय मुंबई घूमने और मौज मस्ती के लिए निकल जाते हैं क्योंकि उनकी रूचि अपने भाई में न होकर पैतृक संपत्ति में अपने हिस्से में ज्यादा होती है।
ऐसी स्थिति में देवेंद्र शर्मा के परिवार वाले क्या करते हैं ? क्या रिश्तेदार सम्पत्ति में से हिस्सा लेकर वापस अपने घर चले जाते हैं या वहीं मुंबई में अपना बोरिया -बिस्तर जमा कर रहते लगते हैं ? यही इस फिल्म में दिखाया गया है।