हिंदी फिल्म -- फ़ोर्स - २
रिलीज़ तारीख़ ---- १८ नवम्बर
बैनर --- सनशाइन पिक्चर्स प्रा लि और जा एंटरटेनमेंट
निर्माता -- विपुल अमृतलाल शाह , जॉन अब्राहम और वाया कॉम मोशन पिक्चर्स
लेखक -- परवेज़ शेख और जसमीत के रीन
कलाकार -- जॉन अब्राहम , सोनाक्षी सिन्हा , ताहिर राज भसीन, जेनेलिया डीसूज़ा ( स्पेशल भूमिका ), नरेन्द्र झा , पारस अरोरा।
संगीत - गौरोव रोशीन
एक्शन - थ्रिलर फिल्म "फोर्स - २" सीक्वेल है सन २०११ में आयी हिट फिल्म "फोर्स का। पहली फिल्म "फ़ोर्स" निर्देशक गौतम मेनन की तमिल फिल्म "काखा काखा " की हिंदी रीमेक थी जबकि "फोर्स - २ " की कहानी बिल्कुल ही नयी है। पहले सुनने में आ रहा था कि इस फिल्म में जॉन के साथ हीरोइन के रूप में कैटरीना कैफ़ होंगी लेकिन अब इस फिल्म की हीरोइन हैं सोनाक्षी सिन्हा। जॉन और सोनाक्षी दोनों पहली ही बार एक दूसरे के साथ काम कर रहे हैं. इस फिल्म के मुख्य खलनायक हैं ताहिर राज भसीन , जिन्होंने इससे पहले रानी मुखर्जी के साथ फिल्म "मर्दानी " में काम किया था। पहली फिल्म "फ़ोर्स " काफी सफल रही थी , के निर्देशक थे निशिकांत कामत , जबकि "फ़ोर्स - २ " के निर्देशक हैं अभिनय देव। निर्देशक अभिनय देव की यह तीसरी फिल्म है इससे पहले इन्होंने २०११ में डेल्ही बैली और गेम निर्देशित की थी। इसके अलावा अनिल कपूर का टी वी शो २४ भी इन्होंने ही निर्देशित किया था।
पिछली फ़ोर्स की तरह ही "फ़ोर्स - २ " में भी जॉन बहादुर , ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ ए सी पी की भूमिका में हैं। जबकि सोनाक्षी के बारें में कहा जा रहा है कि उन्होंने इस फिल्म में बहुत सारे एक्शन किये हैं और इस तरह के एक्शन सीन पहले कभी भी सोनाक्षी ने नही किये जबकि इस फिल्म से पहले उनकी फिल्म "अकीरा "आयी थी जिसमें भी उन्होंने एक्शन ही किये थे।
"फ़ोर्स - २ ' की कहानी , संवाद सभी कुछ दिमाग को झंझोड़ने वाले है यहाँ तक कि "फोर्स - २ " के पोस्टर में भी कड़वा सच लिखा है ," रॉ का सच तो यह है ... एक मृत सैनिक शहीद है ... एक मृत जासूस एक गद्दार है। "
देशभक्ति की भावनाओं से भरपूर यह फिल्म रॉ में काम करने वाले एजेंट और उनके उद्देश्यों की कहानी है. रॉ जिसके सदस्य अदृश्य होते हुए भी देश के हितों के लिए काम करते हैं। इन अदृश्य नायकों के प्रति अपना सम्मान प्रदर्शित करें वाली इस फिल्म में ए सी पी यशवर्धन ( जॉन अब्राहम ) जो की देश के दुश्मनों को ख़तम करने के लिए कुछ भी कर सकता है। जबकि दूसरी ओर है शिव मास्टर माइंड आतंकवादी ( ताहिर राज़ भसीन ) जो देश का दुश्मन है वो चाहता है कि देश से रॉ पूरी तरह खत्म हो जाये।वो रॉ से ऐसा बदला लेना चाहता है जिसे इंडिया कभी भूल नही पाये। ए सी पी यशवर्धन और रॉ एजेंट के के ( सोनाक्षी सिन्हा ) दोनों को देश के दुश्मनों का सफ़ाया करने की जिम्मेदारी दी जाती है। लेकिन दोनों के ही काम करने का तरीके बिल्कुल ही अलग है. जिससे कभी - कभी दोनों के बीच तकरार भी हो जाती है और यश के के से कहता है ,"तुम अपने तरीके से काम करो मैं अपने तरीके से करूँगा। " जब दोनों के काम के तरीके ही अलग हैं तो वो दोनों कैसे एक साथ मिलकर देश के दुश्मन शिव के इरादों को नेस्तनाबूद करेगें। यशवर्धन की पत्नी ५ साल पहले ऐसे ही आतंक वादी हमले में यश की बांहों में मर जाती है। इसी वजह से यश पूरी तरह से आतंकवाद को खत्म करना चाहता है ऐसा ही एक संवाद भी इस फिल्म में है ,"५ साल पहले मेरी बीवी मर गयी थी तब से मैं सटक गया हूँ ".
तो सटका हुआ ए सी पी और रॉ एजेंट के के कैसे देश को दुश्मनों से मुक्त करेगें , यह तो फिल्म के प्रदर्शन के बाद ही आपको पता चलेगा।
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