रिलीज़ -- २७ फरवरी
बैनर -- एलुम्ब्रा एंटरटेनमेंट
निर्माता --- जितेंद्र जैन , नरेंद्र सिंह और राम गोपाल वर्मा।
निर्देशक -- एजाज़ गुलाब
लेखक --- नीलेश गिरकर
कलाकार -- नाना पाटेकर , आशुतोष राणा , गुल पनाग और विक्रम गोखले
संगीत --- अमाल मलिक
निर्देशक एजाज़ गुलाब की बतौर स्वतंत्र निर्देशक तो यह फिल्म पहली ही है लेकिन इससे पहले उन्होंने सहायक निर्देशक के रूप में सरफ़रोश, लगान , वन्स अपॉन इन इंडिया और रांझणा आदि फिल्मों में काम किया है।
अभिनेता नाना पाटेकर ने अब तक अनगिनत फिल्मों में अभिनय किया है और दर्शकों की वाहवाही लूटी है। सन २००४ में रिलीज़ हुई फिल्म "अब तक छप्पन " में भी नाना ही नायक थे, यह फिल्म "अब तक छप्पन २ " के आगे कहानी है दोनों ही फिल्मों के निर्माता राम गोपाल वर्मा थे जबकि निर्देशक बदल चुके हैं पहली वाली फिल्म के निर्देशक थे शिमित अमीन जबकि इस नई फिल्म के निर्देशक हैं एजाज़ गुलाब। पिछली फिल्म ने तो बहुत सफलता प्राप्त की थी अब यह फिल्म कितनी सफल होती है यह तो फिल्म रिलीज़ के बाद ही पता चलेगा।
सच्ची कहानी पर आधारित पिछली फिल्म " अब तक छप्पन " में नाना पाटेकर का नाम इन्स्पेक्टर साधू अगासे था और इस फिल्म "अब तक छप्पन - २ " में भी नाना पाटेकर का यही नाम है .
गृह मंत्री जनार्दन जागीरदार (विक्रम गोखले ) और मुख्यमंत्री अन्ना साहेब मुंबई से उस गंदगी को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहते हैं जो कि अंडर वर्ल्ड डॉन रावले जो की बैंकॉक में रहता है और मुंबई के डॉन रौफ लाला दोनों ने मिलकर मुंबई में फैला रखी है. इस काम के लिए मुख्य मंत्री और गृह मंत्री मुंबई के एन कॉउंटर स्क्वॉड के इन्स्पेक्टर साधू अगासे को यह जिम्मेदारी सौंपना चाहते हैं लेकिन इन्स्पेक्टर उनके इस काम को करने से इंकार कर देता है लेकिन बाद में अपने बेटे की जिद के कारण फिर से इस काम को करने के लिए तैयार हो जाता है और वो समाज की अच्छाई के लिए समाज में फैले डॉन जैसे अनेकों कीड़ों को दूर करने के लिए अपनी कमर कस लेता है।
क्या इन्स्पेक्टर साधू अपनी यूनिट के सहयोग से समाज में फैली बुराई को दूर कर पाता है और कर पाता है तो की किस कीमत पर ? जानने के लिये देखिये "अब तक छप्पन - २ "
फिल्म में अभिनेत्री गुल पनाग ने इन्स्पेक्टर साधू अगासे यानि (नाना पाटेकर ) की बेटी शालू की भूमिका अभिनीत की है। आशुतोष राणा की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।
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