"जी हां बहनो और भाइयो, मैं हूं आपका दोस्त अमीन सयानी और आप सुन रहे हैं बिनाका गीतमाला "
हर बुधवार को सभी श्रोता उनकी आवाज सुनने के लिए बेताब रहते थे। आज अमीन जी हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनकी आवाज हमेशा हम सभी के कानों में गूंजती रहेगी।
बचपन से लेकर बड़े होने तक हजारों लाखों लोगों को तरह मैंने भी उनकी आवाज़ सुनी थी कभी सोचा नहीं था कि कभी उनसे मिलने का मौका भी मिलेगा । 2010 में म्यूजिक कंपनी सारेगामा से बिनाका गीतमाला की कुछ सी डी रिलीज हुई थी तब अमीन जी से मिलने का अवसर मिला । उनसे मिलकर ऐसा लगा जैसे मेरा एक सपना पूरा हुआ। बहुत ही विनम्रता से वो मुझसे मिले। जब उनसे बातचीत शुरू हुई तो ऐसा लगा जैसे मैं रेडियो सुन रही हूं जबकि वो मेरे सामने ही बैठे थे। हालांकि अमीन सयानी जी आप सशरीर हमारे बीच नहीं हैं लेकिन हमेशा ही आप हमारी यादों में रहेंगे ।