इसके बाद आयी 1985 में के सी बोकाड़िया की फ़िल्म 'प्यार झुकता नहीं' ।इस फ़िल्म में मिथुन की जोड़ी पदमिनी कोल्हापुरी के साथ थी। मैं बी ए में पढ़ रही थी मैं दीवानी हो गई मिथुन की। जब इस फ़िल्म के गाने कहीं बजते मैं सबकुछ छोड़ कर उन्हें सुनने बैठ जाती । मै पदमिनी की जगह खुद को सोचने लगती।
इस फ़िल्म के बाद भी मैंने उनकी बहुत सारी फिल्में देखी और कुछ फिल्में तो ऐसी थी जो बहुत ही बकवास थी लेकिन फिर भी मुझे अच्छी लगती थी। मैं उनसे 2 बार मिली भी। उनसे मिलकर ऐसा लगा जैसे मेरा एक सपना पूरा हो गया।
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