Wednesday, March 31, 2021
सनी देओल के दूसरे बेटे राजवीर भी फिल्मों में
Tuesday, March 30, 2021
अमिताभ बच्चन और इमरान हाशमी अभिनीत बहु-प्रतीक्षित मिस्ट्री-थ्रिलर ‘चेहरे’ कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच टली*
Friday, March 26, 2021
हिंदी फिल्म -- सायना
Wednesday, March 24, 2021
कॉमेडी सुपर स्टार लक्ष्मीकांत बेर्डे
८० - ९० के दशक में जब अच्छे अभिनेताओं का मराठी सिनेमा में एक अभाव सा था। उस समय लक्ष्मीकांत ने जैसे मराठी सिनेमा को नया जीवन दिया। उन्होंने अभिनेता अशोक सराफ के साथ मिलकर करीब १५ सालों तक मराठी सिनेमा में राज किया। उन्होंने १९८५ में "लेक चालली सासरला " नाम की मराठी फिल्म से अपनी शुरुआत की। १९८४ में ही उन्होंने और महेश कोठारे ने एक साथ फिल्म "धूम धड़ाका " में काम किया। इसके बाद १९८७ में दे दनादन " में दोनों ने साथ काम किया और इन दोनों ही फिल्मों में लक्ष्मीकांत ने अपने हास्य अभिनय से दर्शकों का मनोरंजन किया। इसके बाद आयी १९८८ में एक फिल्म "अशी ही बनवा बनवी " जो कि निर्देशक हृषिकेश मुखर्जी की फिल्म ‘बीवी और मकान’ की रीमेक फिल्म थी। सचिन पिलगांवकर द्वारा निर्देशित इस फिल्म में लक्ष्मीकांत ने एक युवती की भूमिका अभिनीत की। कहते हैं कि वैसे तो फ़िल्मी पर्दे पर बहुत से अभिनेताओं ने महिला की भूमिका अभिनीत की है लेकिन जिस ख़ूबसूरती से , जिस गरिमा से उन्होंने महिला के किरदार को अभिनीत किया वैसा शायद ही किसी ने अभिनीत किया हो। इस फिल्म में उनके साथ फिल्म में कई बड़े कलाकार थे जिनमें खुद सचिन पिलगांवकर , अशोक सराफ , सुप्रिया पिलगांवकर, अश्विनी भावे , सिद्धार्थ रे आदि। इस फिल्म से अशोक सराफ और लक्ष्मीकांत बेर्डे की जो दोस्ती शुरू हुई वो कभी ख़त्म नहीं हुई बल्कि लक्ष्मीकांत ही अशोक सराफ और अपने सभी चाहने वालों को अपनी किडनी की बिमारी की वजह से १६ दिसंबर २००४ को हमेशा के लिए अकेला छोड़ कर चले गये।
हिंदी फिल्मों में लक्ष्मीकांत की शुरुआत हुई १९८९ में सूरज बड़जात्या की फिल्म "मैंने प्यार किया " से। सूरज बड़जात्या की ही दूसरी फिल्म "हम आपके हैं कौन " में उनका बहुत ही अच्छा काम था। १९९४ में आयी इस फिल्म में उनके किरदार का नाम लल्लू प्रसाद था। घर के एक मुख्य सदस्य की भूमिका थी उनकी। दर्शकों में खासा लोकप्रिय हो गए थे लक्ष्मी इस फिल्म से। उन्होने लगभग सभी बड़े कलाकारों के साथ फिल्मों में काम किया। उनकी कुछ मुख्य फ़िल्में इस प्रकार हैं --- साजन , अनाड़ी , क्रिमिनल , १०० डेज , बेटा ,दिल का क्या कसूर, दीदार , आरजू ,अनाम , गीत ,आदमी खिलौना है , सैनिक , संतान , द जेंटलमैन ,हथकड़ी, मासूम ,हमेशा , ज़ोर , दिल क्या करे , आग ही आग ,जानम समझा करो , राजा जी , प्यार दीवाना होता है , हम तुम्हारे हैं सनम , इंसान और मेरी बीवी का जवाब नहीं।
लक्ष्मीकांत ने दो शादियां की थी। उनकी पहली पत्नी रूही बेर्डे थी। १९९५ में दोनों का तलाक हो गया। बाद में उन्होंने अपनी सह-कलाकार प्रिया अरुण से शादी कर ली। दोनों के दो बच्चे हैं।
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