Wednesday, March 31, 2021

सनी देओल के दूसरे बेटे राजवीर भी फिल्मों में

 अभिनेता सनी देओल के दूसरे बेटे राजवीर को भी दर्शक जल्दी ही परदे पर अभिनय करते हुए देख सकेेंगे क्योंकि वो राजश्री प्रोडक्शन की फ़िल्म में काम करेंगे। इस बार सनी ने वो गलती नहीं दोहरायी जो उन्होंने अपने बड़े बेटेे करन देेओल के समय की थी यानि फ़िल्म 'पल पल दिल के पास' का निर्देशन उन्होंने खुद किया था और अंजाम के बारे मे आप सभी को मालूम है। राजवीर की इस फ़िल्म को निर्देशित करेंगे सूरज बड़जात्या के बेटे अवनीश । अवनीश की भी यह पहली फिल्म है

Tuesday, March 30, 2021

अमिताभ बच्चन और इमरान हाशमी अभिनीत बहु-प्रतीक्षित मिस्ट्री-थ्रिलर ‘चेहरे’ कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच टली*

*आनंद पंडित की अमिताभ बच्चन और इमरान हाशमी अभिनीत बहु-प्रतीक्षित मिस्ट्री-थ्रिलर ‘चेहरे’ कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच टली*
 
 रूमी जाफरी द्वारा निर्देशित आनंद पंडित की फिल्म ‘चेहरे’ को न सिर्फ दर्शकों की बल्कि आलोचकों की तरफ से भी जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिली है। इस फिल्म को बनाने वालों ने जबसे फिल्म के पोस्टर, टीजर और ट्रेलर रिलीज किए हैं, तभी से पहली बार साथ आए इन प्रभावशाली कलाकारों का बड़े परदे पर कमाल देखने की उत्सुकता दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है।
 
पिछले साल लॉकडाउन होने के बाद से कई फिल्म-निर्माता 2021 में अपनी आगामी फिल्में रिलीज होने की प्रतीक्षा कर रहे थे। हालांकि थिएटर और दूसरे प्रतिष्ठान अब पूरे देश में निर्बाध रूप से संचालित किए जा रहे हैं, इसके बावजूद कोविड-19 के मामलों में अचानक हुई वृद्धि चिंता का विषय बन गई है। देश के सामने पैदा हुए मौजूदा हालात और प्रशंसकों/दर्शकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आनंद पंडित मोशन पिक्चर्स ने अपनी बहु-प्रतीक्षित फिल्म ‘चेहरे’ की रिलीज को स्थगित करने का फैसला किया है।
 
अमिताभ बच्चन और इमरान हाशमी की मुख्य भूमिकाओं वाली यह मिस्ट्री-थ्रिलर 9 अप्रैल, 2021 को रिलीज होने वाली थी। मगर अब फिल्म को आगे टाल दिया गया है और इसके रिलीज होने की नई तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी।
 
इस फैसले के बारे में बात करते हुए निर्माता आनंद पंडित ने कहा, "मौजूदा हालात के मद्देनजर तथा अपने प्रशंसकों और दर्शकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, जो हमारे लिए सर्वोपरि है, हमने अपनी फिल्म ‘चेहरे’ को पोस्टपोन करने का फैसला किया है। हमारी टीम ने इस सिनेमा को बेहद दर्शनीय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है और हम थिएटरों में अपने दर्शकों की सुरक्षित वापसी का इंतजार कर रहे हैं।“
 
आनंद पंडित मोशन पिक्चर्स एवं सरस्वती इंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित तथा रूमी जाफरी द्वारा निर्देशित ‘चेहरे’ में अन्नू कपूर, क्रिस्टल डिसूजा, धृतिमान चटर्जी, रघुवीर यादव, सिद्धांत कपूर और रिया चक्रवर्ती ने भी अहम भूमिकाएं निभाई हैं।

Friday, March 26, 2021

हिंदी फिल्म -- सायना

हिंदी फिल्म -- सायना 
रिलीज़ --  २६ मार्च 
बैनर -- टी सीरीज फिल्म्स और फ्रंट फुट पिक्चर्स 
निर्माता -- भूषण कुमार, कृष्ण कुमार , सुजॉय जयराज , रशेष शाह 
लेखक और निर्देशक -- अमोल गुप्ते 
कलाकार -- परिणीति चोपड़ा, मानव कॉल , मेघना मलिक 
संगीत -- अमाल मलिक  
गीत -- मनोज मुन्तशिर , कुणाल वर्मा 
आवाज़ -- अमाल मलिक , अरमान मलिक , श्रेया घोषाल 

बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल की जिंदगी पर बनी इस फिल्म में अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा ने सायना की भूमिका अभिनीत की है। परिणीति से पहले अभिनेत्री श्रद्धा कपूर इस फिल्म को करने वाली थी।  श्रद्धा ने कुछ दिनों बैडमिंटन खेलने का अभ्यास भी किया था लेकिन फिर बाद व्यस्तताओं के चलते उन्होंने इस फिल्म को छोड़ दिया था बाद में इस फिल्म में परिणीति चोपड़ा ने मुख्य भूमिका अभिनीत की। इस साल परिणीति की रिलीज़ होने वाली यह तीसरी फिल्म है। सबसे पहले नेटफ्लिक्स पर द गर्ल ऑन द ट्रेन रिलीज़ हुई। थियेटर में १८ मार्च को रिलीज़ हुई  यशराज बैनर की फ़िल्म "संदीप और पिंकी फ़रार। "

एक अभिनेता , लेखक और निर्देशक अमोल गुप्ते सबसे पहले लोगो की निगाह में आये अभिनेता आमिर खान की फिल्म "तारे जमीन पर " को लेकर। इस फिल्म को लेकर काफी विवाद हुआ था। कहा जाता है कि पहले वो ही फिल्म को  निर्देशित कर रहे थे लेकिन बाद में निर्देशन की कमान आमिर खान  ने खुद अपने हाथ में ले ली और उन्हें बाहर का रास्ता दिया। एक निर्देशक के रूप में अमोल ने  फिल्म -स्टेनले  का डिब्बा, हवा हवाई ,स्निफ्फ  फ़िल्में निर्देशित की हैं और एक अभिनेता के रूप में उन्होंने होली , जो जीता वही  सिकन्दर, कमीने  , फँस गया रे ओबामा ,उर्मि ,स्टेनले  का डिब्बा,  भेजा फ्राई , सिंघम रिटर्न्स ,एक तारा ,स्निफ्फ, मुंबई सागा आदि फिल्मों में काम किया है। 


यह फिल्म "सायना " स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल की जिंदगी की कहानी है। इस फिल्म में उनकी हार, जीत , हौंसला और बैडमिंटन सीखने की लगन सभी कुछ दिखाया है।  किस तरह एक छोटी से बच्ची बैडमिंटन सीखने के लिये  रोज अपने पिता के स्कूटर पर २५ किलोमीटर जाती है । माँ - बाप के मेहनत और सायना  की लगन  दोनों मिलकर एक साधारण से बच्ची को असाधारण बना देते हैं। फिल्म की शुरुआत होती है नन्ही सायना के बैडमिंटन अकेडमी में दाखिले से। माँ की यह नसीहत कि "रास्ता चुनना नहीं रास्ता बनाना है" नन्ही सायना की कामयाबी का सूत्र बन जाता है।  सायना की माँ की भूमिका में है अभिनेत्री मेघना मलिक और उनके कोच  पुलेले गोपीचंद की भूमिका में हैं अभिनेता मानव कौल।

Wednesday, March 24, 2021

कॉमेडी सुपर स्टार लक्ष्मीकांत बेर्डे


मराठी सिनेमा में कॉमेडी सुपर स्टार के नाम से लोकप्रिय अभिनेता लक्ष्मीकांत बेर्डे  ने अनेकों मराठी और हिंदी फिल्मों में अभिनय करके दर्शकों का मनोरंजन किया है। दर्शक उन्हें हमेशा उनकी कॉमिक टाइमिंग की वजह से जानते हैं। अभिनेता सलमान की दूसरी फिल्म "मैंने प्यार किया " (१९८९ ) में उन्होंने बहुत ही शानदार काम किया। हिंदी फिल्मों में सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनय के लिए फिल्म फेयर अवार्ड में उनका ४ बार नामांकन भी हुआ।

बहुत ही बेहतरीन अभिनेता लक्ष्मीकांत बेर्डे का जन्म  २६ अक्टूबर १९५४ को रत्नागिरि , मुंबई में बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था। बचपन में अपने परिवार का खर्च चलाने के लिए वो लॉटरी के टिकट भी बेचा करते थे। झुग्गी में रहने वाले लक्ष्मी को बचपन से ही अभिनय का बहुत ही शौक था। वो गणेश महोत्सव में होने वाले समारोह में डांस और अभिनय किया करते थे। इंटर स्कूल और इंटर कॉलेज में होने वाले नाटकों की प्रतियोगिताओं में वो हिस्सा लेते और पुरस्कार भी जीतते। बाद में वो  मुंबई मराठी सहित्य संघ में काम करने लगे। जिससे वो अपने अभिनय के जूनून को कायम रख  सकें । कुछ नाटकों में छोटी - मोटी भूमिकायें करने के बाद उनके हिस्से आया नाटक " टूर टूर। "  १९८३ -८४ में हुआ उनका यह नाटक बहुत ही सफल रहा। इस नाटक में उन्होंने अपने अभिनय से दर्शकों को खूब हँसाया। 

८० - ९० के दशक में जब अच्छे अभिनेताओं का  मराठी सिनेमा में एक अभाव सा था। उस समय लक्ष्मीकांत ने जैसे मराठी सिनेमा को नया जीवन दिया। उन्होंने अभिनेता अशोक सराफ के साथ मिलकर करीब १५ सालों तक मराठी सिनेमा में  राज किया।  उन्होंने १९८५ में "लेक चालली सासरला  " नाम की  मराठी फिल्म से अपनी शुरुआत की। १९८४ में ही उन्होंने और महेश कोठारे ने एक साथ फिल्म "धूम धड़ाका "  में काम किया। इसके बाद १९८७ में दे दनादन " में दोनों ने साथ काम किया और इन दोनों ही फिल्मों में लक्ष्मीकांत  ने अपने  हास्य अभिनय से दर्शकों का मनोरंजन किया।  इसके बाद आयी १९८८ में एक फिल्म "अशी ही बनवा बनवी " जो कि  निर्देशक  हृषिकेश मुखर्जी की फिल्म ‘बीवी और मकान’ की रीमेक फिल्म थी।  सचिन पिलगांवकर द्वारा निर्देशित इस  फिल्म में लक्ष्मीकांत ने एक युवती की भूमिका अभिनीत की। कहते हैं कि वैसे तो फ़िल्मी पर्दे पर बहुत से अभिनेताओं ने महिला की भूमिका अभिनीत की है लेकिन जिस ख़ूबसूरती से , जिस गरिमा से उन्होंने महिला के किरदार को अभिनीत किया वैसा शायद ही किसी ने अभिनीत किया हो। इस फिल्म में उनके साथ फिल्म में कई बड़े कलाकार थे जिनमें खुद सचिन पिलगांवकर , अशोक सराफ , सुप्रिया पिलगांवकर, अश्विनी भावे , सिद्धार्थ रे आदि। इस फिल्म से  अशोक सराफ और लक्ष्मीकांत बेर्डे की जो दोस्ती शुरू हुई वो कभी ख़त्म नहीं हुई बल्कि लक्ष्मीकांत ही अशोक सराफ और  अपने सभी चाहने वालों को अपनी किडनी की बिमारी की वजह से १६ दिसंबर २००४ को हमेशा के लिए अकेला छोड़ कर चले गये। 

१८५ के करीब हिंदी और मराठी फिल्मों में काम कर चुके लक्ष्मीकांत बेर्डे ने १८८५ से लेकर २००० तक अनेकों ब्लॉक बस्टर मराठी फिल्मों में काम किया।उनकी कुछ मुख्य फ़िल्में हैं -- आम्ही दोघे राजा रानी , हमाल दे धमाल , बाळाचे बाप ब्रह्चारी ,एका पेक्षा एक ,भूतचा भाऊ ,थरथरात ,धडाकेबाज़ और जपतीला आदि। १९८३ में लक्ष्मीकांत ने नाटकों में काम करना शुरू किया। उनका पहला नाटक "टूर टूर "बहुत सफल हुआ। थियेटर में बहुत ही लोकप्रिय थे लक्ष्मी। उनके बारें में उनके चाहने वाले कहते हैं कि ,"मराठी सिनेमा में  तो उन्होंने बहुत ही गरिमा के साथ काम किया साथ ही नाटक जो कि उनका  पहला प्यार थे उन्हें भी लोकप्रिय बनाने में उन्होंने कोई कसर  नहीं छोड़ी। विजय तेंडुलकर के महान नाटक ‘शांतता कोर्ट चालू आहे’ के टाइटल की तर्ज पर बना कॉमेडी नाटक ‘शांतेचं कार्ट चालू आहे’ और  ‘बिघडले स्वर्गाचे दार’ आदि  नाटकों को दर्शक आज भी याद करते हैं। अभिनय से उन्हें बहुत लगाव था इसीलिए उन्होंने अपने बेटे का नाम भी अभिनय ही रखा। उन्होंने अपनी प्रोडक्शन कंपनी का नाम अपने बेटे अभिनय के नाम पर "अभिनय आर्ट्स " रखा था। मराठी फिल्मो , थियेटर के अलावा उन्होंने मराठी धारावाहिकों में नास्ति आफत और गजरा में भी अभिनय किया था। 

हिंदी फिल्मों में लक्ष्मीकांत की शुरुआत हुई १९८९ में सूरज बड़जात्या की फिल्म "मैंने प्यार किया " से। सूरज बड़जात्या की ही दूसरी फिल्म "हम आपके हैं कौन " में उनका बहुत ही अच्छा काम था। १९९४ में आयी इस फिल्म में उनके किरदार का नाम लल्लू प्रसाद था। घर के एक मुख्य सदस्य की भूमिका थी उनकी।  दर्शकों में खासा लोकप्रिय हो गए थे लक्ष्मी इस फिल्म से। उन्होने  लगभग सभी बड़े कलाकारों के साथ फिल्मों में काम किया। उनकी कुछ मुख्य फ़िल्में इस प्रकार हैं  --- साजन , अनाड़ी , क्रिमिनल ,  १०० डेज , बेटा ,दिल का क्या कसूर, दीदार , आरजू ,अनाम , गीत ,आदमी खिलौना है , सैनिक , संतान , द जेंटलमैन ,हथकड़ी, मासूम ,हमेशा , ज़ोर , दिल क्या करे , आग ही आग ,जानम समझा करो , राजा जी , प्यार दीवाना होता है , हम तुम्हारे हैं सनम , इंसान और मेरी बीवी का जवाब नहीं।

लक्ष्मीकांत ने  दो शादियां की थी।  उनकी पहली पत्नी रूही बेर्डे थी। १९९५ में दोनों का तलाक हो गया। बाद में उन्होंने अपनी सह-कलाकार प्रिया अरुण से शादी कर ली। दोनों के दो बच्चे हैं।

मैदान ने क्यों कोई झंडे नहीं गाड़े समझ नहीं आया जबकि यह बेहतरीन फिल्म है

  कल  मैने प्राइम विडियो पर प्रसारित निर्देशक अमित रविंद्रनाथ शर्मा और अभिनेता अजय देवगन की फिल्म "मैदान" देखी। अजय देवगन की यह फि...