रिलीज -- 15 अगस्त
बैनर -- टी सीरीज़ , जॉन अब्राहम एंटरटेनमेंट, इममे एंटरटेनमेंट.
निर्माता -- भूषण कुमार, किशन कुमार, मोनीषा आडवाणी, निखिल आडवाणी, मधु भोजवानी, जॉन अब्राहम, संदीप लेज़ेल।
निर्देशक -- निखिल आडवाणी
कलाकार -- जॉन अब्राहम, मृणाल ठाकुर ,राजेश शर्मा , रवि किशन।
संगीत -- तनिष्क बागची, अंकित तिवारी, रोचक कोहली, जॉन स्टीवर्ट, तरसेम सिंह सैनी।
लेखक , निर्माता ,निर्देशक निखिल आडवाणी ने कुछ कुछ होता है , मोहब्बतें , कभी ख़ुशी कभी गम आदि फिल्मों में सहायक के रूप में काम किया फिर कल हो न हो,सलाम ए इश्क़ ,चांदनी चौक टू चाइना, पटियाला हॉउस, दिल्ली सफ़ारी ,डी डे , हीरो , गुड्डू रंगीला आदि फ़िल्में स्वतंत्र रूप से निर्देशित की । साथ ही निखिल ने एयरलिफ्ट, सत्यमेव जयते,लखनऊ सेंट्रल, बाज़ार आदि फ़िल्में निर्मित भी की हैं ।
सन २००३ में फिल्म "जिस्म " से दर्शकों के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराने वाले अभिनेता जॉन अब्राहम ने साया , काल, ऐलान, धूम, मदहोशी , वाटर , गरम मसाला,जिन्दा , टैक्सी नंबर - २०११, काबुल एक्सप्रेस , दोस्ताना,न्यूयॉर्क, सात खून माफ़,फोर्स , देसी बॉयज,हाउसफुल - २, शूट आउट एट वडाला, मद्रास कैफे,वज़ीर , रॉकी हैंडसम, ढिशूम ,फोर्स - २ , परमाणु ,सत्यमेव जयते, रोमियो अकबर वॉल्टर आदि फिल्मों में अभिनय किया है. मराठी , हिंदी फिल्मों और टी वी धारावाहिकों अभिनय करने वाली अभिनेत्री मृणाल ठाकुर ने टी वी में कुमकुम भाग्य ,मुझसे कुछ कहती हैं खामोशियाँ और फिल्मों लव यू सोनिया और सुपर ३० फ़िल्में की हैं। इस फिल्म में नोरा फ़तेही भी आयटम नंबर में दिखाई देंगी।
यह फिल्म "बाटला हॉउस " २००८ में दिल्ली में हुए विवादित पुलिस एनकाउंटर ऑपरेशन से प्रेरित है । इस पुलिस एनकाउंटर ने पूरे भारत में सवाल खड़े कर दिये थे । क्या यह दिल्ली पुलिस के लिए एक कवर-अप या वास्तविक जीत थी? ग्यारह साल बाद 'बाटला हाउस " मुठभेड़' के पीछे की असली कहानी के बारें में इस फिल्म में पता चलेगा ।
फिल्म "बाटला हॉउस " एक सिपाही, एक पुलिस अधिकारी, एक देशभक्त की सच्ची कहानी है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह एक समर्पित पति की कहानी है। १९ सितंबर २००८ को दिल्ली के जामिया नगर के बाटला हॉउस इलाके में इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के आतंकवादियों के खिलाफ पुलिस एनकाउंटर हुआ था, जिसमें दो आतंकवादी मारे गये थे, जबकि दो आतंकवादियों को गिरफ्तार कर लिया गया था और एक आतंकवादी भागने में सफल रहा। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दिल्ली पुलिस के एक इंस्पेक्टर भी इसमें शहीद हो गये थे । आतंकवादियों के खिलाफ पुलिस का यह एनकाउंटर डी सी पी संजीव कुमार यादव ( जॉन अब्राहम ) की निगरानी में हुआ था। जबकि यह एनकाउंटरआतंकवादियों के खिलाफ हुआ था फिर क्यों डी सी पी संजीव कुमार यादव के खिलाफ सीनियर पुलिस अधिकारियों ने जाँच के आदेश दिये थे। यही इस फिल्म में दिखाया गया है।
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