रिलीज़ --- १० नवम्बर
बैनर --- ज़ी स्टूडियोज
निर्माता --- ज़ी स्टूडियोज और जार पिक्चर्स
निर्देशन -- तनुजा चन्द्रा
लेखक --- कामना चन्द्रा
स्क्रीन प्ले --- तनुजा चन्द्रा और ग़ज़ल धालीवाल
कलाकार -- इरफ़ान खान, पार्वती और बिजेंद्र काला।
संगीत ---अनु मलिक, रोचक कोहली, विशाल मिश्रा
गीतकार -- हुसैन ह्रदय और राज शेखर
गायक और गायिका -- पापोन, नूरा सिस्टर्स, विशाल मिश्रा और आतिफ़ असलम।
लेखिका और निर्देशिका तनुजा चन्द्रा ने कई टी वी धारावाहिकों का निर्देशन किया है साथ ही तमन्ना, दिल तो पागल है, ज़ख्म आदि फिल्मों को तनुजा ने लिखा भी है. १९९८ में तनुजा की पहली निर्देशित फिल्म आयी "दुश्मन " . इसके बाद १९९९ में "संघर्ष", २००१ में "ये जिंदगी का सफर",२००२ में "सुर - मेलोडी ऑफ़ लाइफ" ,२००५ में "फिल्म स्टार" , २००६ में "जिंदगी रॉक्स",२००८ में "होप एंड ए लिटिल शुगर" आदि फिल्मों का निर्देशन किया है। तनुजा की करीब ९ साल बाद फिल्म "करीब करीब सिंगल "रिलीज़ हो रही है.
इरफ़ान खान की इसी साल फिल्म आयी थी "हिंदी मीडियम ". इस फिल्म को भी दर्शकों ने बहुत सराहा था जब भी इरफ़ान की कोई भी फिल्म आती है दर्शक उसे हाथों हाथ लेते हैं। फिल्म "करीब करीब सिंगल" का भी दर्शकों को इंतज़ार है.मलयाली अभिनेत्री पार्वती की पहली हिंदी है फिल्म " करीब करीब सिंगल" . २००६ में मलयालम फिल्म "आउट ऑफ़ स्लेबस" से अपनी अभिनय यात्रा शुरू करने वाली अभिनेत्री पार्वती ने मलयालम, तमिल और कन्नड़ भाषा अनेकों फिल्मों में अभिनय किया है।
ऋषिकेश, बीकानेर और गंगटोक की खूबसूरत लोकेशन में शूट हुई फिल्म " करीब करीब सिंगल" की कहानी उन लोगों के इर्द गिर्द घूमती है जो ऑनलाइन डेटिंग जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से एक दूसरे से मिलते हैं। जया ( पार्वती ) योगी ( इरफ़ान खान ) दोनों अविवाहित हैं और दोनों को ही प्यार की तलाश है इसी के लिए दोनों ऑनलाइन डेटिंग के जरिये एक दूसरे से मिलते हैं और अपने रिश्ते को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से दोनों देश के कई खूबसूरत जगहों में साथ - साथ घूमने का फ़ैसला करते हैं। जया और योगी दोनों ही विपरीत स्वाभाव के हैं फिर भी साथ - साथ घूमते हुए दोनों को ही एक दूसरे से प्यार हो जाता है। हालाँकि साथ - साथ घूमते हुए दोनों को एक - दूसरे की कमियों के बारें में पता भी चलता है, और साथ में घूमते हुए दोनों को कई मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है फिर भी दोनों को एक दूसरे का साथ पसंद आता है।
क्या जया और योगी का प्यार उन्हें विवाह तक ले जाता है ? या डेटिंग एप से मिले दो लोगों का प्यार कुछ समय बाद खुद बख़ुद ही गायब हो जाता है। क्या जया और योगी दोनों करीब करीब सिंगल ही रह जाते हैं या विवाह के बंधन में बँध जाते हैं ? जानने के लिए देखिये फिल्म "हिंदी फिल्म --- करीब करीब सिंगल
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