हिंदी फिल्म ---इत्तेफ़ाक़
रिलीज़ -- ३ नवम्बर
बैनर --- रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट , धर्मा प्रोडक्शंस और बी आर स्टुडिओज़
निर्माता -- करन जौहर, गौरी खान , रेनू रवि चोपड़ा और हीरू यश चोपड़ा।
निर्देशक --- अभय चोपड़ा
लेखक -- अभय चोपड़ा ,श्रेयस जैन , निखिल मेहरोत्रा
स्क्रीन प्ले -- अभय चोपड़ा
१९६९ में आयी यश चोपड़ा की फिल्म "इत्तेफ़ाक़ " पर आधारित
कलाकार --- अक्षय खन्ना , सोनाक्षी सिन्हा , सिद्धार्थ मल्होत्रा , मनोज जोशी
संगीत -- तनिष्क बागची
सन १९६९ की थ्रिलर फिल्म "इत्तेफ़ाक " की रीमेक है यह फिल्म "इत्तेफ़ाक " . 70 के दशक में आयी 'इत्तेफाक' यश चोपड़ा द्वारा निर्देशित एक क्लासिक फिल्म थी, जिसमें राजेश खन्ना और नंदा मुख्य भूमिका में थे। इस नई फिल्म "इत्तेफ़ाक "में राजेश खन्ना की भूमिका में सिद्धार्थ हैं और नंदा की जगह सोनाक्षी। नई 'इत्तेफाक' को अभय चोपड़ा ने डायरेक्ट किया हैं। अभय फिल्ममेकर बीआर चोपड़ा के ग्रैंडसन हैं और उनकी यह पहली फिल्म है। पुरानी "इत्तेफ़ाक" के निर्माता थे बी आर चोपड़ा जबकि इस नई फिल्म को निर्देशित किया है खुद उनके पोते अभय चोपड़ा ने। 1969 में अंग्रेजी फिल्म 'साइनपोस्ट टू मर्डर' की हिंदी रीमेक थी १९६९ की फिल्म "इत्तेफ़ाक ". पुरानी फिल्म में एक भी गाना नहीं था जबकि नई फिल्म में १९८२ में आयी लोकप्रिय फिल्म "नमक हलाल " का बहुत लोकप्रिय गाना "रात बाकी "बैक ग्राउंड में बजेगा।
सन २०१२ में फिल्म "स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर " से अपने अभिनय शुरुआत करने वाले सिद्धार्थ मल्होत्रा की पिछली फ़िल्में "बार बार देखो " और "ए जेंटलमैन" दोनों हीअसफल रही थी। २०१० में "दबंग " से फिल्मों में सफर शुरू किया सोनाक्षी ने, उनकी कुछ सफल फ़िल्में रही कुछ असफल लेकिन अब उन्हें एक सफल फिल्म का इंतज़ार है क्योंकि एक्शन जैक्सन , तेवर, अकीरा,फोर्स - २ , नूर सभी फ़िल्में बुरी तरह असफल हो गयी हैं । अक्षय खन्ना तो अब फिल्म में पुलिस अधिकारी की भूमिका में ही दिखाई दे रहे हैं। श्री देवी की फिल्म "मॉम" में भी वो केस सुलझाते नज़र आये और इस फिल्म में भी वो मर्डर मिस्ट्री सुलझायेगें।
फिल्म की कहानी है एक रात की। विक्रम (सिद्धार्थ मल्होत्रा) एक प्रसिद्ध लेखक है और माया (सोनाक्षी सिन्हा) एक युवा गृहणी, इन दोनों पर ही हत्या का इल्जाम है सिद्दार्थ पर इल्ज़ाम है कि उसने अपनी पत्नी की हत्या कर दी है जबकि माया पर अपने पति को मारने का आरोप है.लेकिन उस भयावह रात में किसी को भी नहीं पता कि वास्तव में हुआ क्या था ? इसी दोहरी हत्या के मामले की जांच करने का जिम्मा है देव (अक्षय खन्ना) का , जो एक पुलिस अधिकारी है। इस दोहरी हत्या के मामले में केवल दो गवाह हैं, जो कि मुख्य संदिग्ध भी हैं। विक्रम और माया दोनों ही खुद को पुलिस के सामने निर्दोष बता रहे हैं और दोनों के बयान अलग-अलग हैं जबकि दोनों एक साथ एक ही कमरे में मौजूद थे। कौन सच कह रहा है जबकि दोनों ही उस भयावह रात की घटनाओं के बारे में परस्पर विरोधी कहानियां पेश करते हैं।अब पुलिस अधिकारी देव के सामने चुनौती है केस को सुलझाने की।
कौन दोषी है और कौन निर्दोष या ये दोनों ही निर्दोष है और गुनाहगार कोई तीसरा ही है ? इसी सच्चाई का पता लगायेगें पुलिस अधिकारी देव।