हिंदी फिल्म --- जॉली एल एल बी - २
रिलीज़ --- १० फरवरी
निर्माता ---फॉक्स स्टार स्टूडियोज़
निर्देशक -- सुभाष कपूर
कहानी , संवाद --- सुभाष कपूर
कलाकार -- अक्षय कुमार , हुमा क़ुरेशी , अन्नू कपूर, सौरभ शुक्ला, मानव कौल , सयानी गुप्ता, निखिल द्विवेदी ।
संगीत -- मंज म्यूज़िक , मीत ब्रदर्स और चिरंतन भट्ट
बैक ग्रॉउण्ड म्यूजिक --- विशाल खुराना
गीतकार --- मंज म्यूजिक , रफ़्तार ,जुनैद वसी शब्बीर अहमद
गायक गायिका --- रफ़्तार , निंदय , नीति मोहन , ज़ुबिन नौटियाल , मीत ब्रदर्स , सुखविंदर सिंह , अर्ल एडगर , मुर्तज़ा मुस्तफ़ा और क़ादिर मुस्तफ़ा।
जॉली एल एल बी ( २०१३ ) की सीक्वेल फिल्म है जॉली एल एल बी -२. पहली फिल्म में अभिनेता अरशद वारसी , बोमन ईरानी और अमृता राव मुख्य भूमिका में थे जबकि इस फिल्म में अक्षय कुमार , हुमा क़ुरेशी और अन्नू कपूर मुख्य भूमिका में हैं। जॉली एल एल बी सीरीज़ की दोनों ही फिल्मों के निर्देशक हैं सुभाष कपूर। २००७ में सुभाष कपूर ने पहली फिल्म "से सलाम इंडिया" निर्देशित की फिर इसके बाद २०१० में फँस गया रे ओबामा निर्देशित की।
जॉली एल एल बी - २ फिल्म दिखाती है हमारी न्यायिक प्रक्रिया को। १२५ करोड़ है भारत की जनसंख्या लेकिन बस २० हज़ार ही जज हैं. जबकि साढ़े तीन करोड़ मुकदमे ऐसे हैं जिनका निर्णय होना बाकी है।
सच्ची घटना से प्रेरित है फिल्म जॉली एल एल बी - २ की कहानी। हास्य , व्यंग और कोर्ट रूम ड्रामा से भरपूर फिल्म जॉली एल एल बी - २ की कहानी है जॉली यानि जगदीशश्वर मिश्रा नाम के असफल वकील की। जॉली हालाँकि एक असफल वकील है लेकिन उसके भी बड़े - बड़े सपने हैं कि वो भी एक दिन बहुत बड़ा वकील बने , बहुत बड़े - बड़े मुक़दमे लड़े और जीते, एक बड़ी सी रोल्स रॉयस गाड़ी उसके पास हो। अपने इन्ही सपनों को पूरा करने के लिये वो कानपुर से लखनऊ आता है। किसी भी तरह का कोई भी मुकदमा लड़कर जॉली जल्दी पैसा बनाना चाहता है। इस तरह कोर्ट के गलियारों में अपनी जिंदगी बिता रहा जॉली पुष्पा पाण्डेय ( हुमा क़ुरेशी ) से प्यार करता है और उससे शादी करना चाहता है। जॉली के सपनों को उड़ान देने के लिये उसके पास एक ऐसा सच्चा लेकिन पेचीदा मुक़दमा आता है जिसको उसे किसी भी तरह जीतना ही है जबकि उसके सामने बहुत ही चालाक और भृष्ट वकील खड़ा है सचिन कान्तिलाल माथुर ( अन्नू कपूर ), जो कि किसी भी मुकदमे का रुख मोड़कर अपनी ओर करने की क्षमता रखता है। माथुर अपने केस को जीतने के लिये किसी भी हद तक जाने वाला वकील है। ऐसे वकील के सामने क्या जॉली खड़ा भी रह सकेगा। क्या जॉली अपनी वकालत के जरिये अपने सच्चे मुवक्किल को न्याय दिला पायेगा या माथुर जैसे चालाक वकील, जिसे सारे दांव पेच आते हैं , के सामने घुटने टेक देगा ?
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