सामाजिक कार्यकर्ता 'किशन बाबूराव अन्ना हजारे' के जीवन पर आधारित इस फिल्म का निर्देशन शशां क उदापुरकर ने किया है. अन्ना हजारे पर बन रही इस फिल्म की शूटिंग की शुरुआत अहमदनगर जिले में स्थित उनके पैतृक गांव रालेगण सिद्धि से हुई. इस फिल्म के निर्माता महेंद्र जैन हैं. अ न्ना हजारे की भूमिका शशांक ही निभा रहे हैं. फिल्म में तनीषा मुखर्जी, गोविं द नामदेव, शरत सक्सेना, किशोर क दम, दयाशंकर पांडे, प्रसन्न के तकर, अतुल श्रीवास्तव, अश्विनी गिरि, अनंत जोग, शशि श्रीवास्तव, मजहर खान जैसे कलाकार हैं.
Tuesday, June 28, 2016
Thursday, June 23, 2016
एडल्ट कॉमेडी फिल्म 'ग्रेट ग्रैंड मस्ती' का ये गाना थिरकने पर कर देगा मजबूर
बॉलीवुड की सुपरहिट एडल्ट कॉमेडी फिल्म 'ग्रैंड मस्ती' फ्रैंचाइजी की तीसरी फिल्म ग्रेट ग्रैंड मस्ती का ट्रेलर पहले से हीचर्चा में है और अब इस फिल्म का मस्ती भरा पहला गाना भी रिलीज हो गया है.
तेरी कमर को' मेरी नजर के नाम से रिलीज हुआ यह गाना एक शानदार डांसिंग नंबर है. हाई बीट्स पर बने इस गाने परफिल्म 'ग्रेट ग्रैंड मस्ती' के स्टार्स रितेश देशमुख, आफताब शिवदासानी और विवेक ओबरॉय खूब ठुमकते नजर आ रहे हैं.गाने का हिप हॉप म्यूजिक और बोल दोनों ही आकर्षित करते हैं.
इस गाने को आवाज दी है संजीव राठौड़, दर्शन राठौड़ और कनिका कपूर ने. इसे लिखा है कुमार ने और इस गाने कोकंपोज किया है संजीव दर्शन ने. इंद्र कुमार द्वारा निर्देशित इस फिल्म में रितेश देशमुख, आफताब शिवदासानी औरविवेक ओबरॉय के अलावा उवर्शी रौतेला भी नजर आएंगी. यह फिल्म 22 जुलाई को रिलीज होगी.
Thursday, June 9, 2016
मुझे अश्लीलता पसंद नहीं ---- अमिताभ बच्चन
बिग बी यानि अमिताभ बच्चन आज भी सबसे ज्यादा व्यस्त कलाकार हैं। चाहे फिल्मों की बात करें , सामाजिक कार्य हो , सोशल मीडिया हो सब जगह ही वो छाये हुए हैं । सब जगह उनको फॉलो करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। जिस तरह आम इंसान अपनी फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करता है वैसे ही करते हैं बिग बी लेकिन यहाँ भी उनका अंदाज़ सबसे जुदा है और यही सब बातें हैं जो उन्हें सच में बिग बनाती हैं। फिल्म "पीकू" के लिए उन्हें राष्ट्रीय अवार्ड मिला। जल्दी ही उनकी एक नयी फिल्म "TE3N " रिलीज होने वाली है इस फिल्म में भी कलकत्ता की ही कहानी है। अमिताभ से बहुत सारी बातें हुई। पेश हैं कुछ मुख्य अंश ---
फिल्म पीकू में भी आप बंगाली बने थे और इस फिल्म "TE3N "में भी, तो क्या कुछ दोहराव तो नहीं हुआ फिल्म में ?
नहीं - नहीं मेरा किरदार एंग्लो बंगाली का है जिसका नाम जॉन विश्वास है और जो हिंदी बोलता है जबकि पीकू में मैं बंगाली थोड़ी - थोड़ी और हिंदी भीे बंगालीें लहजे में बोलता था। पहले यह फिल्म गोवा में शूट होने वाली थी। गोवा में शूट होती एंग्लो इंडियन किरदार होता लेकिन कुछ समस्याएं आयी फिर इसे हमने कलकत्ता में शूट किया।
फिल्म के निर्देशक रिभु दासगुप्ता की पहली फिल्म है तो कैसे मनाया उन्होंने आपको इस फिल्म के लिये ?
रिभु के साथ हमने टी वी सीरियल युद्ध किया था हालांकि पहले उसे अनुराग कश्यप निर्देशित करने वाले थे लेकिन वो कहीं व्यस्त हो गये लेकिन उन्होंने कहा कि मैं आपको रिभु दे रहा हूँ बहुत अच्छा लड़का है साथ में जब काम किया तब समझ आया की हाँ रिभु सच में अच्छा काम करता है। फिर रिभु और सुजॉय इस फिल्म को लेकर आये।
कलकत्ता में आपके नाम का मंदिर भी है क्या आपने उसे देखा है ?
नहीं मुझे नहीं पता कि मंदिर है मेरे नाम का . वैसे कलकत्ता के लोग बहुत स्नेह प्यार देते हैं.मुझे बहुत मज़ा आता है वहाँ। उस शहर से मेरा कुछ ज्यादा लगाव है। एक वजह तो यह कि मेरी पहली नौकरी वहीं थी , दूसरी यह कि एक कलकत्ता हमारे घर में हैं यानि जया।
जब भी कोई कलाकार किसी फिल्म में अच्छा अभिनय करता है आप उसे पत्र लिखते हैं उसके काम को सराहते हैं. आपका पत्र पाकर वो कलाकार अपने को धन्य मानता है और कहता है कि अब उसे किसी अवार्ड की जरूरत नहीं आपका पत्र ही उसका अवार्ड है।
अगर कोई कलाकार अच्छा अभिनय करता है तो उसकी सराहना सभी को करनी चाहिये मैं भी करता हूँ। बस और कुछ नहीं अगर मेरा पत्र उन्हें अवार्ड लगता है तो ऐसा कह कर मेरा वो मान बढ़ाते हैं.
आपके सीनियर कलाकारों ने कभी आपके अभिनय को सराहने के लिये पत्र लिखा या फोन किया ?
नहीं नहीं कभी नहीं मुझे मिला किसी का भी पत्र।
क्या आपकी कभी कोई कविता की किताब आयेगी ?
नहीं - नहीं हम लिख नहीं सकते , यह मुझे नहीं आता। जब कभी घर में लिखने - लिखाने की बातें होती थी माँ कहती थी घर में एक कवि बहुत है।
आप बाबूजी यानि हरिवंश राय बच्चन की कुछ कविताओं का अंग्रेजी अनुवाद लाने वाले थे ?
आज की पीढ़ी की कविता पाठ , संस्कृति में कुछ खास रूचि नहीं है. कोई हिंदी , मराठी अपनी भाषा पढ़ते नहीं हैं सब अंग्रेजी ही पढ़ते हैं तो जया ने सुझाव दिया कि हम बाबूजी की १०० वर्षगाँठ पर उनकी कविताओं का अंग्रेजी में अनुवाद करें। वैसे तो पहले भी मधुशाला की अनुवादित किताब आ चुकी है "हाउस ऑफ़ वाइन" के नाम से लेकिन इस बार एक तरफ हिंदी और एक तरफ अँग्रेजी में अनुवाद होगा।
सोशल मीडिया पर लोगों की अच्छी बुरी बातों का आप पर क्या असर होता है ?
कोई कमी बताता है तो मैं उसे अच्छे से लेता हूँ , क्योंकि दर्शक हमारी फिल्मों को देखते है क्या कमियाँ हुई बताते हैं वो सब बातें जिन पर हमारा कभी ध्यान जाता ही नहीं कभी. अगर कोई बदतमीजी से बात करता है तो पहले मेरी कोशिश रहती है कि उसे समझाऊं लेकिन जब कोई नहीं मानता तो ब्लॉक करता हूँ आप सबकी तरह क्योंकि मुझे अश्लीलता पसंद नहीं।
बिग बी अभी और भी व्यस्त होने वाले हैं क्योंकि कई निर्देशकों के साथ वो काम करने वाले हैं राम गोपल बर्मा के साथ सरकार - ३, गौरांग दोषी के साथ आँखें - २ ,आदित्य चोपड़ा , विजय कृष्णा आचार्य और बिजॉय नांबियर साथ उनकी फ़िल्में आने वाली हैं। इसके अलावा पिंक नाम की भी उनकी फिल्म आ रही है जिसमें बिग बी वकील की भूमिका में हैं। यह फिल्म महिला सशक्तिकरण है।
शालीन भनोट ,संचिति सकट ,ऋषांक तिवारी ,हर्षवर्धन जोशी ,समीक्षा भटनागर ,आर जे रानी और इंदरवेश योगी बिग ऍफ़ एम द्वारा आयोजित पेंटिंग कम्पटीशन में आये
९२.७ बिग ऍफ़ एम ने वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे पर ३,५०० से ज़्यादा बच्चों के बीच पेंटिंग कम्पटीशन का आयोजन किया जिसे एंकर किया रेडियो जॉकी रानी ने। हिंदी फिल्म लव के फंडे की कास्ट- शालीन भनोट, ऋषांक तिवारी, हर्षवर्धन जोशी, समीक्षा भटनागर और निर्देशक इंदरवेश योगी अपनी फिल्म का प्रचार करने और बच्चों का प्रोत्साहन करने इस इवेंट में आये।चाइल्ड सिंगर संचिति सकट ने हिंदी और मराठी में बच्चों के लिए गीत गाये।
Wednesday, June 8, 2016
बहुत ही मुश्किल रहा, दिखाई देते हुए भी न दिखाई देने का अभिनय करना ---- काजल अग्रवाल
मुंबई में जन्मी और बढ़ी हुई अभिनेत्री काजल अग्रवाल ने यूं तो तमिल और तेलुगु भाषा की करीब ४६ फिल्मों में काम करके दक्षिण में अपना एक अलग मुकाम बना लिया है लेकिन जैसा की सभी चाहते हैं कि वो हिंदी फिल्मों में अभिनय करके भी अपना मुकाम हासिल करे। ऐसा ही कुछ कर रही हैं बड़ी बड़ी खूबसूरत आँखों वाली काजल। एक तरह से देखा जाये तो फिल्म "दो लफ़्ज़ों की कहानी" काजल की चौथी हिंदी फिल्म है क्योंकि ऐश्वर्या और विवेक अभिनीत फिल्म "क्यों हो गया न " काजल की पहली फ़िल्म थी इस फ़िल्म में उनका कुछ ३ एक मिनट का काम था लेकिन काजल अपनी पहली हिंदी फिल्म "सिंघम " ही मानती हैं। काजल से बहुत सारी बातें हुई कुछ हंसी मजाक भी हुआ. कुछ यादगार पल भी साथ बिताये और फोटो भी खिंचवाये। पेश हैं कुछ मुख्य अंश ------
बहुत ही मुश्किल रहा , दिखाई देते हुए भी न दिखाई देने का अभिनय करना। मेरी आँखे वैसी ही इतनी बढ़ी हैं। मैंने फ़िल्में देखी , हेलन केलर की किताबें पढ़ी जिससे मैं अंधी युवती की भूमिका के साथ मैं पूरा न्याय कर सकूँ साथ ही मैं ब्लाइंड स्कूल गयी भी वहां के टीचर और छात्रों से मिली। उन्हें देखा और सीखा कि वो किसी बात कर कैसे रिएक्ट करते हैं। साथ में निर्देशक दीपक तिजोरी ने मेरी बहुत मदद की मेरी इस भूमिका को अभिनीत करने में। जैसा की फिल्मों में दिखाते हैं कि अगर कोई देख नहीं सकता तो दुखी होगा ऐसा सच में नहीं होता। ब्लाइंड स्कूल के सभी लोग बेहद खुश थे सच में यह सब स्कूल में जाकर ही मुझे समझ में आया ।
पहले भी कुछ फ़िल्में आयी हैं जिनमे हीरोइनें अंधी थी जैसे फ़ना और अनुराग। तो क्या आपने इन फिल्मों को देखा ?
हाँ जरूर देखा और ख़ास तौर पर इन फिल्मों को मैंने इसलिये भी देखा जिससे मैं कुछ अलग सा अभिनय कर सकूँ और मेरी तुलना इन फिल्मों की हीरोइनों से न हो।
इस फिल्म में अपने लिप लॉक किया है जबकि आपने दक्षिण की फिल्मों में ऐसा नहीं किया तो कुछ झिझक हुई ? हाँ झिझक तो हुई शुरू में लेकिन जब फ़िल्म जब रोमांटिक है प्रेम कहानी है तो किसिंग सीन तो होगा ही । हो सकता है कुछ लोगों को यह लगे कि यह सब हमने सेंसेशन के लिये किया है जबकि सच में ऐसा कुछ नहीं है। मैं दूसरे लोगों की तरह यह भी नहीं कहती कि यह किसिंग कहानी की डिमाण्ड था । क्योंकि फिल्म में लड़की देख नहीं सकती है तो उसकी पहचान सिर्फ छूने से ही है और जब ब्लैक फ़िल्म में बिग बी रानी मुखर्जी को किस कर सकते हैं यानि अपनी से तिगुनी छोटी उम्र की हीरोइन को किस कर सकते हैं फिर इस फ़िल्म में तो हीरो हीरोइन दोनों ही युवा हैं।
जब आप अपनी हिट फिल्मों का हिंदी रीमेक देखती हैं तो क्या सोचती है ? हंसती है कि क्या कचरा किया है मेरी फिल्म का या कुछ और ?
नहीं - नहीं मैं ऐसा कुछ भी नही सोचती हर किसी का अपना अंदाज़ होता है अभिनय करने का और एक दर्शक की निगाह से हम जिस फ़िल्म को पहले देखते हैं वो ही अच्छी लगती है चाहे तमिल हो या हिंदी।
आपकी दक्षिण की कौन सी ऐसी फ़िल्म है जिसे आप चाहती हैं कि उसका रीमेक बने और आप ही उसमें अभिनय करें ? मगाधीरा है वो फिल्म।
अभी तक आपकी 2 फ़िल्मे आयी हैं हिंदी में, दोनों ही हालाँकि हिट रही हैं लेकिन आपके लिये करने जैसा कुछ नही था इन फिल्मों में। " दो लफ़्ज़ों की कहानी " ही ऐसी फ़िल्म है जिसमें आपका पूरी फ़िल्म में काम होगा । तो कैसा रहा रोमांटिक फिल्म में काम करना और सिंघम के बाद इतना ब्रेक कहाँ रहा ?
हाँ दोनों ही फिल्मों में मेरे सीन ज्यादा नहीं थे लेकिन दोनों ही फिल्मों की कहानी अच्छी थी. इस रोमांटिक फिल्म की कहानी भी अच्छी है साथ में मेरी भूमिका भी अच्छी है तो मेरे लिये यह बहुत ही अच्छा है। कहाँ गायब रही तो मैं दक्षिण की फिल्मों में व्यस्त थी बहुत मुश्किल होता है तमिल , तेलुगु , मलयालम और हिंदी फिल्मों में बेलेंस करना। जिस भी भाषा में कम काम करो वहीं यह पूछा जाता है कि कहाँ गायब थी।
दक्षिण की फिल्मों में काम करने की वजह कहीं यह तो नहीं कि आपको वहाँ अच्छी भूमिका मिलती है करने को ? नहीं नहीं ऐसा नहीं है किसी भी भाषा की फिल्म हो मैं सबसे पहले फिल्म की कहानी देखती हूँ फिर स्क्रिप्ट फिर मेरा किरदार , निर्देशक और सबसे आखिरी में पैसे की बात आती है।
Monday, June 6, 2016
ढिशूम का ट्रेलर लांच
फिल्म "शोरगुल" का गीत लिखा पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने
यू पी की राजनीति की पृष्ठ भूमि पर बनी फिल्म "शोरगुल" का गीत लांच हुआ। शीर्षक गीत "तेरे बिना " को लिखा कपिल सिब्ब्ल नेऔर गीत की धुन बनाई है निनाद्री कुमार ने. सांग लांच पर कपिल सिब्बल , जिमी शेरगिल , एजाज खान , निनाद्री कुमार फिल्म कीनिर्माता समीरा केलकर भी उपस्थित थी। कहा यह जा रहा है कि इस फिल्म की कहानी यू पी के मंत्री अखिलेश यादव से प्रभावितहै अभिनेता आशुतोष राणा राजनीतिज्ञ की भूमिका में हैं.
टोनी सिंह का किरदार बहुत ही मुश्किल ---- शाहिद कपूर
पंजाब में फैले नशे के व्यापार के बारें में बनी फिल्म "उड़ता पंजाब " १७ जून को रिलीज़ होने वाली है. इस फिल्म में बहुत सारी गालियाँ और अभद्र भाषा बोली गयी है जिसके लिए पहले यह कहा जा रहा था कि कहीं यह फिल्म बैन न हो जाये लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकिइस फिल्म को ए सार्टिफिकेट मिला है. फिल्म में शाहिद कपूर एक रॉक स्टार टोनी सिंह बने हैं जो कि युवाओं के दिलों की धड़कन हैंक्योंकि उनके गीत - संगीत पर वो मस्ती से झूमते नाचते गाते हैं इसके साथ ही टोनी खुद तो नशा करता ही है साथ में वो इस नशे मेंयुवाओं को भी शामिल कर रहा है। टोनी सिंह बने शाहिद अपनी असली जिंदगी में किसी भी तरह का कोई नशा नहीं करते और न ही वोटोनी की तरह गालियाँ ही देते हैं तो उन्हें बहुत मुश्किल हुई टोनी सिंह की तरह खुद को बनाने में। ३ महीने तक शाहिद ने एक्सरसाइजकरके अपना शरीर बनाया साथ में अपने डाइट भी बहुत कंट्रोल की।
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