८ साल की उम्र
में ही अभिनय की ओर आकर्षित रावत जी के नाटक “पापी समाज" को इण्टर कॉलेज़ प्रतियोगिता में ३९ नाटकों में से
सर्वश्रेष्ठ नाटक का अवार्ड मिला। इस नाटक को उन्होंने लिखा भी था और मुख्य
किरदार में भी वो ही थे। एक अभिनेता की मंजिल तो मुंबई ही है यह सोचकर
अन्य दूसरे कलाकारों की तरह उन्होंने भी मुंबई का रुख किया।लेकिन उस समय तो उन्हें
निराशा ही हाथ लगी क्योंकि फिल्म निर्माता निर्देशकों के मुताबिक एक नायक के हिसाब
से उनकी लम्बाई कम थी। इस बारें में रावत जी कहते हैं
" हाँ मेरी लम्बाई मुझे
मात दे गई. उस समय आमिर खान नही आया था न इंडस्ट्री में।"
नज़ीबाबाद में रेडियो अनाउंसर के रूप में काम कर चुके
रावत जी का बहुत बड़ा हाथ है पहली गढ़वाली फिल्म
"जग्वाल "के बनने में। इस फिल्म ने एक इतिहास बनाया था जब यह फिल्म
रिलीज़ हुई थी। हालांकि यह फिल्म सफल हुई थी लेकिन रावत जी जितने उत्साह से इस
फिल्म से जुड़े थे फिल्म के बनते बनते उनका सारा उत्साह उनका ठंडा हो गया क्योंकि फिल्म
जब शुरू हो रही थी तब वो इस फिल्म में दो नायकों में से एक नायक थे लेकिन बाद में
वो एक चरित्र अभिनेता बन कर ही रह गये. लेकिन इस फिल्म के बाद उन्होंने पहली नेपाली फिल्म "प्यारो रुमाल" बनाई जिसमें आज
के लोकप्रिय गायक उदित नारायण को मौका दिया था ।
सन १९८६ तक मुंबई में कई फिल्मों में छोटी - छोटी
भूमिकायें भी साथ में फिल्मों में संवाद भी लिख्नते रहे। इसी दौरान एक फिल्म के
सिलसिले में वो चेन्नई गये और वहीँ के हो कर रह गये। वहाँ रहते हुए
उन्होंने तमिल फिल्मों में अभिनय किया और साथ में उनका निर्माण किया और वहीँ से
सिलसिला शुरू किया तमिल , तेलुगु आदि
भाषाओँ को हिंदी में डब करके रिलीज़ करने का। वो बताते हैं, " डबिंग फिल्मों का का यह काम सुपर हिट फिल्म
"रोज़ा" से शुरू हो गया था। एक समय था जब मेरी ४ - ४ फ़िल्में फ्लोर पर होती थी।"
१५० के करीब
डबिंग फिल्मों में संवाद लिख चुके रावत जी ने मिथुन चक्रवर्ती के
साथ करीब १५ - १६ फिल्मों में काम किया है। इसके अलावा इन्होने महेश भट्ट की नाराज़, क्रिमनल, जेंटलमैन आदि ३ फिल्मों
में अभिनय किया है साथ ही इन्होने सबसे बड़ा खिलाडी और जंग फिल्मों में काम किया
है। फिल्मों के साथ टी वी के लिए गणेश महिमा, विष्णु पुराण भी लिखा है। निर्देशक मुस्तफा इंजीनियर की
फिल्म "कुछ कहा आपने" भी रावत जी की जिंदगी की एक अहम फिल्म कही जा सकती
है क्योंकि इस फिल्म में इन्होने एक हिज़ड़े की बहुत ही शानदार भूमिका अभिनीत की साथ
में अपने संवाद और फिल्म का एक महत्वपूर्ण सीन भी लिखा। अभी रावत जी अपनी फिल्म " राजू बजरंगी" को लेकर बहुत उत्साहित हैं क्योंकि इस
फिल्म में भी उनकी बहुत ही अच्छी भूमिका है। इस फिल्म के संवाद भी इन्होने ही लिखे हैं। फिल्म के लगभग हर क्षेत्र में काम कर चुके रावत जी कहते हैं
"मैंने फिल्म के लगभग सभी क्षेत्रों में काम किया और बहुत कुछ सीखा इसके
बारें मैं, इससे बहुत ही खुश हूँ क्योंकि मैंने इसी के सहारे अपने परिवार को पाला है.”
Very nice Rawat Ji Good Luck
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