रिलीज़ --- २५ जनवरी
बैनर --- भंसाली प्रोडक्शंस
निर्माता --- अजित अंधेरे और संजय लीला भंसाली
लेखक --- संजय लीला भंसाली , प्रकाश कपाड़िया
स्क्रीन प्ले --- संजय लीला भंसाली
सूफी कवि मलिक मोहम्मद जायसी के काव्य पद्मावत पर आधारित
कलाकार --- दीपिका पादुकोण , रनवीर सिंह ,शाहिद कपूर, अदिति राव हैदरी , रज़ा मुराद।
संगीत -- संजय लीला भंसाली
बैक ग्राउण्ड स्कोर -- संचित बल्हारा
फिल्म "पद्मावत" पहले इसी फिल्म का नाम था " पद्मावती " जो कि १ दिसम्बर २०१७ को रिलीज़ होने वाली थी , लेकिन राजपूतों के विरोध और सेंसर बोर्ड की वजह से यह चर्चित फिल्म अब "पद्मावत " के नाम से बड़ी मुश्किलों से रिलीज़ हो रही है। हालाँकि अभी भी इस फिल्म पर खतरें के बादल मंडरा रहे हैं अभी भी कुछ राज्य इस फिल्म के प्रदर्शन का विरोध कर रहे हैं लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया है है कि पूरे देश में एक साथ २५ जनवरी को यह फिल्म रिलीज़ होगी। हिंदी, तमिल और तेलुगु तीन भाषाओं में रिलीज़ हो रही है.
संजय लीला भंसाली , दीपिका और रनवीर सिंह तीनों की "पद्मावत " तीसरी फिल्म है। इससे पहले इन तीनों की २०१३ में गोलियों की रास लीला
राम - लीला , २०१५ में बाज़ीराव मस्तानी आदि दो फ़िल्में आ चुकी हैं।
दीपिका और रनवीर की एक साथ तीन फ़िल्में आ चुकी हैं २०१३ में गोलियों की रास लीला राम - लीला , २०१४ में फाइंडिंग फैनी हालाँकि फाइंडिंग फैनी में रनवीर का कैमियो था फिर २०१५ में बाज़ीराव मस्तानी आयी थी।
फिल्म "पद्मावत " की कहानी १५४० में सूफी कवि मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा लिखे गये अवधी भाषा के महाकाव्य "पद्मावत" में वर्णित एक महान हिंदू राजपूत रानी, रानी पद्मावती की कथा पर आधारित है. मेवाड़ राज्य पर शासन करने वाले गुहिला वंश के अंतिम राजपूत शासक राजा रतन सिंह ( शाहिद कपूर ) की दूसरी रानी पद्मावती ( दीपिका पादुकोण ) की खूबसूरती की चर्चा दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी तक पँहुच चुकी थी. रानी पद्मावती की खूबसूरती के बारें में सुनकर अलाउद्दीन खिलजी ( रनवीर सिंह ) पद्मावती को पाने के इरादे से राजा रतन सिंह का अपहरण कर लेता है । जब रतन सिंह रानी पद्मिनी को देने से इंकार कर देते हैं तो खिलजी रतन सिंह को शांति संधि का धोखा देकर अपने साथ दिल्ली ले जाता है। बुद्धिमान रानी पद्मावती राजा रतन सिंह के भरोसेमंद सामंतों से मिलकर राजा रतन सिंह को दिल्ली से बचा लाती है ।
इस बीच कुंभलनेर के राजपूत राजा देवपाल रानी पद्मावती के समक्ष शादी का प्रस्ताव रख देता है । जब राजा रतन सिंह को देवपाल की इस हरकत के बारे में पता चलता है, तो वो देवपाल के खिलाफ मोर्चा खोल देते हैं । दोनों के बीच भयंकर युद्ध होता है और युद्ध में राजा देवपाल और रतन सिंह दोनों एक-दूसरे की हत्या कर देते हैं । राजा रतन सिंह की मौत के बाद अलाउद्दीन खिलजी एक बार फिर चित्तौड़ पर हमला कर पद्मावती को जीतने की कोशिश करता है । मगर इस बार रानी पद्मावती अलाउद्दीन खिलजी से खुद को बचाने के लिये राजमहल की हजारों वीरांगनाओं के साथ जौहर व्रत (आग में कूद जाना) लेकर अपनी जान दे देती है और खिलजी के हाथ में राख के अलावा कुछ भी नहीं आता है।